भारत की राष्ट्रपति ने रक्षा सेवा स्टाफ महाविद्यालय, वेलिंगटन के छात्र अधिकारियों को संबोधित किया

राष्ट्रपति भवन : 28.11.2024

भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज 28 नवंबर, 2024 को तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ महाविद्यालय के छात्र- अधिकारियों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया।

इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि रक्षा सेवा स्टाफ महाविद्यालय ने भारत और मित्र देशों के सशस्त्र बलों के सशक्त अधिकारियों और चयनित नागरिक अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और सिखाने में सराहनीय योगदान दिया है। पिछले सात दशकों में इसने मध्यम स्तर के अधिकारियों को पेशेवर रूप से तैयार करने में अहम भूमिका निभाई है। इस महाविद्यालय को छात्र-अधिकारियों के एक समग्र बहु-सेवा और बहु-राष्ट्रीय समूह और इसके पास पेशेवर रूप से समृद्ध संकाय सदस्य होने का अनूठा गौरव प्राप्त है।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को सबका सम्मान प्राप्त है। वे हमारे देश की सीमाओं और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में सबसे आगे रहते हैं। देश को हमारे राष्ट्रीय हितों की लगातार रक्षा करने वाले रक्षा बलों पर गर्व है। हमारे रक्षाकर्मी हमेशा राष्ट्र प्रथम की भावना के साथ सेवा करते हैं, वे अत्यधिक प्रशंसा के पात्र हैं।

राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि महिला अधिकारी अब तीनों सेवाओं की विभिन्न इकाइयों की कमान संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती संख्या और भूमिका सभी के लिए, विशेषकर युवा बेटियों के लिए उत्साहजनक और प्रेरणादायक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में अधिक से अधिक महिलाएं सशस्त्र बलों में शामिल होंगी, जहां वे अपनी असाधारण क्षमताओं का प्रदर्शन कर सकती हैं और अनजान क्षेत्रों में नई शुरुआत कर सकती हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आगे बढ़ रहा है और दुनिया रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे विकास को स्वीकार कर रही है। भारत भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशस्त्र बलों को तैयार रखने के लिए स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। देश को एक प्रमुख रक्षा विनिर्माण केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है और देश एक विश्वसनीय रक्षा भागीदार और एक बड़ा रक्षा निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है।

राष्ट्रपति ने कहा कि तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल में हमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने की आवश्यकता है। हमें अपने राष्ट्रीय हितों को तो सुरक्षित रखना ही है साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के सामने आने वाली साइबर वारफेयर और आतंकवाद जैसी नई चुनौतियों से निपटने के लिए भी तैयार रहना है। जलवायु परिवर्तन का मुद्दा एक नया रूप लेकर आ रहा है, जिसे हमें समझना और निपटना है। आज गहन अनुसंधान पर आधारित अद्यतन ज्ञान और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस पाठ्यक्रम से छात्र-अधिकारीगण उच्च जिम्मेदारी संभालने में सक्षम होंगे और वे एक ऐसे रणनीतिकार बनेंगे जो जटिल परिस्थितियों का प्रभावी तरीके से सामना कर सकें।

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